हैरान होने की जरूरत क्या है
परेशान होने की जरूरत क्या है
हक़ीक़त तो असली यही है जमाने की
तुमने नही जाना इसमें तुम्हारी खता है...
खुद को इनता तनहा पाना
क्यों सोचते हो कि एक सजा है
यही लिखा है किस्मत में शायद
यही लिखा है किस्मत में शायद
यही खुदा की शायद रज़ा है ......
शीशे के अंदर तस्वीर है या
तस्वीर के बाहर शीशा है
तस्वीर के बाहर शीशा है
कुछ भी कहो या समझो कुछ भी
दोनों का मतलब बस एक सा है.......
पानी की बूंदे या बूंदो में पानी
हर मोड़ पर लिखी है एक कहानी
मंज़िल कहाँ है नही कुछ खबर है
कदमो के नीचे भी है राह अनजानी...!!!
मंज़िल कहाँ है नही कुछ खबर है
कदमो के नीचे भी है राह अनजानी...!!!
शीशे के अंदर तस्वीर है या
ReplyDeleteतस्वीर के बाहर शीशा है
कुछ भी कहो या समझो कुछ भी
दोनों का मतलब बस एक सा है...
क्या बात है !! बहुत बढ़िया
Dhanyvad Bhaiya ....
Delete